सहकारी विपणन समिती में खाद नही मिलने से प्रति वर्ष किसानों को हो रहा है आर्थिक नुकसान।

पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–15.6.23

सहकारी विपणन समिती में खाद नही मिलने से प्रति वर्ष किसानों को हो रहा है आर्थिक नुकसान।

पखांजुर–
विदित हो कि पिछले कुछ वर्ष से पखांजुर सहकारी विपणन समिती में खाद नही मिलने से किसानों को निजी दुकानों से अधिक मूल्य पर खाद खरीदीं करना पड़ रहा है,जिसके कारण किसानों को हर साल अधिक आर्थिक क्षति उठाना पड़ता है।

बता दे कि पखांजुर में एक मात्र सहकारी विपणन समिती है जहाँ किसानों को कम दाम में खाद मिलता था। जो 2014 के बाद से किसानों को खाद नही मिल रहा है।जिसके कारण किसान अपने आप को बहुत चिंतित और ठगी महसूस कर रहे है ।क्यु की क्षेत्र के निजी दुकानों में खाद तो मिल जाता है पर अधिक कीमत पर ।
जिसके कारण प्रतिवर्ष किसानों को अतिरिक्त पैसा खर्च करना पड़ता है वही बाजारों में मिलने वाली खाद जैसे डीएपी का मूल्य सरकारी मूल्य से 600रु से 700रु अधिक मूल्य पर बिक्री हो रहा है और 280रु में मिलने वाली यूरिया 700रु रुपये निजी दुकानों बेचा जा रहा है।वही अगर एमओपी (पोटाश) की बात करे तो उसका दाम दो गुनी यानि (800रु बढ़ाकर 1700रु) कीमत में बेचा जा रहा है। इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि सीधा सीधा किसानों के जेब काटना निजी दुकानदारों का आदत बन चुका है,और आप अंदाजा लगा सकते कि किसान कितना मजबूर है जबकि इन्ही अन्नदाता के कारण सभी लोगो का पेट मे भोजन मिलता है।वही संबंधित विभाग की बात करें तो हर साल कार्यवाही भी करते है ,मगर नाम मात्र खाना पूर्ति जैसे कार्यवाही करते है। अब देखने वाली बात है की खबर प्रकाशित होने के बाद संबंधित विभाग किसानों के प्रति कितना गंभीरता या सजक रहते है।परोलकोट क्षेत्र में ये कोई नई बात नही है हर साल किसनो को अधिक मूल्य पर खाद,नकली बीज,एक्सपाइरी वाला कृषि दवाई, लेने पर मजबूर होना पड़ता पर संबंधित अधिकारी को ये सब कुछ पता होने के बाद भी दुकानदारों पर कोई उचित कार्यवाही नही किया जाता जिससे दुकानदारों का मनोबल अधिक होने से किसान को ठगे जाते है।

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